Indian National Science Academy
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इन्सा के नियम

नाम
1.
संस्था को भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी कहा जाएगा।
उद्देश्य
2.
भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के मुख्य उद्देश्य हैं

भारत में राष्ट्रीय कल्याण की समस्याओं पर इसके व्यावहारिक अनुप्रयोग सहित वैज्ञानिक ज्ञान का संवर्धन।

वैज्ञानिक अकादमियों, सभाओं, संस्थाओं, सरकार के वैज्ञानिक विभागों और सेवाओं के बीच समन्वय।

भारत में वैज्ञानिकों के हितों के संवर्धन तथा रक्षा के लिए और देश में किए गए वैज्ञानिक काम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने के लिए प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के एक निकाय के रुप में काम करना।

राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय महत्त्व के वैज्ञानिक काम को हाथ में लेने के लिए, जो अकादमी को जनता द्वारा या सरकार द्वारा करने को कहा जाए, विधिवत् गठित राष्ट्रीय समितियों के माध्यम से काम करना जिनमें अन्य विद्वत् अकादमियों और संस्थाओं को भी सहयोजित किया जा सकता है।

ऐसी कार्यवाहियाँ, जरनल, संस्मरण तथा अन्य रचनाएँ प्रकाशित करना जो वांछनीय समझी जाएँ।

विज्ञान और मानविकी के बीच सम्पर्क को बढ़ाना और बनाए रखना।

विज्ञान के संवर्धन के लिए निधियाँ तथा स्थायी निधियाँ जुटाना और उनका प्रबंध करना।

ऐसे अन्य सभी काम करना जो अकादमी के उपर्युक्त उद्देश्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक हों या उसमें सहायता करें।
गठन
3.
अकादमी में संस्थापक अध्येता, अध्येता और विदेशी अध्येता होंगे।

संस्थापक अध्येता : जिन्होंने अकादमी के उद् घाटन से पहले अध्येता के रुप में नामांकन स्वीकार कर लिया है।

अध्येता : जो अध्येताओं के चुनाव तथा प्रवेश के नियमों के अनुसार चुने गए हैं।

विदेशी अध्येता : वे व्यक्ति जो विज्ञान के अपने ज्ञान, या उसमें योगदान या उसके कल्याण के लिए प्रतिष्ठित हों और भारत की राज्यक्षेत्रीय सीमाओं से बाहर रहते हों, जिन्होंने देश में विज्ञान की प्रगति में किसी प्रकार से योगदान किया हो या कर सकते हों। भारत को छोड़कर अन्य सभी देशों के व्यक्ति अकादमी की विदेशी अध्येतावृत्ति के लिए पात्र होंगे।

प्रशासन और अधिकारी
4.
अकादमी के कामकाज का प्रशासन, निर्देशन और प्रबंधन एक परिषद् को सौंपा जाएगा जो अकादमी के अधिकारी मंडल से बनेगी, अर्थात् एक अध्यक्ष, छह उपाध्यक्ष और 20 अन्य अध्येता, कुल मिलाकर सत्ताईस । उपाध्यक्षों के उत्तरदायित्व सामूहिक होंगे और स्वतंत्र भी और उनके नाम होंगे : उपाध्यक्ष ( अध्येतावृत्ति मामले ); उपाध्यक्ष ( विज्ञान संवर्धन ); उपाध्यक्ष ( संसाधन प्रबंधन); उपाध्यक्ष ( अंतरराष्ट्रीय मामले ); उपाध्यक्ष ( प्रकाशन/सूचना विज्ञान ) और उपाध्यक्ष ( विज्ञान और समाज ) । इसके अलावा, परिषद् के अतिरिक्त सदस्यों के लिए प्रावधान होगा, प्रत्येक सहकारी अकादमियों अर्थात् एशियाटिक सोसाइटी, कलकत्ता, राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी ( भारत ) , इलाहबाद और इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन द्वारा अकादमी के अध्येताओं में से नामित एक-एक सदस्य। और, भारत सरकार के लिए प्रावधान होगा कि अकादमी के अध्येताओं में से अपना एक प्रतिनिधि परिषद् के अतिरिक्त सदस्य के रुप में नामित कर दे।त्
5.
परिषद् का कोई सदस्य नियम 28 में उल्लिखित अंतरिम रिक्तियों से संबंधित परिस्थितियों को छोड़कर एक समय में एक से अधिक पद धारण नहीं कर सकता।
अध्येताओं का चुनाव और प्रवेश
6.
अध्येताओं का चुनाव परिषद् द्वारा बनाए गए विनियमों से शासित होगा, किंतु इन विनियमों में निम्नलिखित बातों के लिए प्रावधान होगा, जिनका अनुष्ठान अकादमी के सभी अध्येताओं की राय लेने के बाद ही किया जा सकेगा ।

अध्येतावृत्ति के चुनाव के लिए पात्रता भारतीय नागरिकों तक सीमित होगी।

निर्वाचित सदस्यों की संख्या प्रति वर्ष 30 तक सीमित होगी, जब तक जीवित अध्येताओं की कुल संख्या 1000 तक न पहुँच जाए।

हर नामिती इस प्रयोजन के लिए निर्धारित प्रपत्र पर प्रस्तावित, अनुमोदित और दो अध्येताओं द्वारा अलग-से समर्थित किया जाएगा। इनमें से कम-से-कम तीन उसकी वैज्ञानिक उपलब्धियों को अपने निजी ज्ञान से प्रमाणित करेंगे। उपाध्यक्ष ( अध्येतावृत्ति मामले ) को अधिकार होगा कि वह किसी अध्येता से, जो भारत का निवासी न हो, लिखित अनुरोध प्राप्त होने पर उसकी ओर से प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर कर दे।

इस प्रयोजन के लिए परिषद् द्वारा बनाए गए विनियमों के एक निर्धारित सेट का पालन करते हुए, अकादमी को प्रस्तावित नामितियों की कुल सूची से परिषद् द्वारा चुनाव उनमें से किया जाएगा जिनकी संस्तुति अनुभागीय समितियों ने की हो। चुनाव डाक द्वारा मतदान से किया जाएगा जिसके लिए मत पत्र, परिषद् द्वारा बनाए गए विनियमों के अनुसार, हर अध्येता को भेजे जाएँगे।

परिषद् की राय में जिन व्यक्तियों ने विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा की हो या जिनका चुनाव अकादमी के लिए विशेष रुप से लाभकारी हो सकता हो, उन्हें भी अध्येतावृत्ति के लिए चुना जा सकता है, किंतु किसी वर्ष इस प्रकार दो से अधिक व्यक्ति नहीं चुने जाएँगे, और यदि किसी वर्ष दो व्यक्ति चुन लिए जाएँ तो अगले वर्ष इस श्रेणी के अंतर्गत कोई चुनाव नहीं होगा।

7.
उपाध्यक्ष ( अध्येतावृत्ति मामले ) उन व्यक्तियों को चुनाव की लिखित सूचना भेजेगा जो विधिवत् चुने गए हों, और उसके साथ (i) हस्ताक्षर किया जाने वाला प्रतिज्ञा प्रपत्र प्रथा (ii) वर्तमान नियमों तथा विनियमों की एक प्रति भी भेजेगा।
8.
अध्येता चुने गए व्यक्तियों को चुनाव पर प्रवेश शुल्क और अध्येतावृत्ति अभिदान देना होगा। यदि प्रवेश शुल्क और अध्येतावृत्ति अभिदान का भुगतान उसके अध्येता चुने जाने की सूचना के दो माह के भीतर न किया जाए तो वह चुनाव अमान्य हो जाएगा। परंतु,यदि उसके चुनाव की तिथि से बारह माह की अवधि के भीतर प्रवेश शुल्क और अध्येतावृत्ति अभिदान का भुगतान कर दिया जाए तो परिषद् पूरे विशेषाधिकारों के साथ उसकी अध्येतावृत्ति को बहाल कर सकती है। नियम 6 (ड.) के प्रावधानों के अंतर्गत चुने गए अध्येता के मामले में परिषद् अपने विवेक से प्रवेश शुल्क और अध्येतावृत्ति अभिदान के भुगतान से छूट दे सकती है।
9.
किसी भी व्यक्ति को, चाहे वह अकादमी के नियमों तथा विनियमों के अनुसार निर्वाचित हो गया हो, तब तक अध्येतावृत्ति के अधिकारों तथा विशेषाधिकारों का प्रयोग करने का हक़ नहीं होगा, और न ही उसका नाम अध्येताओं की सूची में दर्ज किया जाएगा, जब तक वह प्रवेश शुल्क तथा अध्येतावृत्ति अभिदान का भुगतान न कर दे और प्रतिज्ञा प्रपत्र पर हस्ताक्षर करके न लौटा दे।
10.
प्रभावी अध्येतावृत्ति प्रवेश शुल्क तथा अध्येतावृत्ति अभिदान के भुगतान और प्रतिज्ञा प्रपत्र पर हस्ताक्षर के बाद शुरु होगी और जैसा यहां बाद में प्रावधान किया गया है उस समय विद्यमान अकादमी के नियमों तथा विनियमों की, और उन द्वारा दी गई वचनबद्धता की और इसके बाद बनाए जाने वाले नियमों तथा विनियमों की एक प्रत्यक्ष मौन सहमति की अभिव्यक्ति के समतुल्य होगी।
11.
हर नया अध्येता जिसने प्रवेश शुल्क तथा अध्येतावृत्ति अभिदान का भुगतान कर दिया हो और प्रतिज्ञा प्रपत्र विधिवत् हस्ताक्षर करके तथा उपाध्यक्ष ( अध्येतावृत्ति मामले ) को संबोधित करके लौटा दिया हो, पहली साधारण बैठक में, जिसमें वह शामिल हो, किसी अध्येता द्वारा सभापति के सामने प्रस्तुत किया जाएगा जो उसे नाम से संबोधित करते हुए कहेगा, ‘ भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के नाम में और उसके प्राधिकार से मैं तुम्हें उसका अध्येता बनाता हूँ और उसे परिषद् द्वारा निर्धारित प्रपत्र में यह प्रमाणित करने वाला एक डिप्लोमा प्रस्तुत करेगा कि अकादमी में उसका चुनाव हो गया है ; उसके बाद अध्येता उपरोक्त प्रतिज्ञा की प्रतिलिपि पर इस प्रयोजन के लिए रखी गई पुस्तक में हस्ताक्षर करेगा।

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