अध्येतागणविदेशी अध्येता गणअनुभागीय समितियाँलोकल चैप्टर

अध्येतागण

1. अध्येताओं के निर्वाचन का नोटिस : प्रति वर्ष सितंबर के पहले सप्ताह में एक परिपत्र जारी करके अकादमी के अध्येताओं का ध्यान अंतिम तिथि की ओर दिलाया जाएगा जिसको अध्येतावृत्ति के लिए नामांकन भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, नई दिल्ली के कार्यालय में पहुँच जाने चाहिएँ।
2. नामांकनों का प्रमाणन : प्रत्येक नामिती चार अध्येताओं द्वारा हस्ताक्षरित लिखित रुप में प्रमाणपत्र द्वारा प्रस्तावित और संस्तुत किया जाएगा। उनमें से कम-से-कम तीन, अर्भ्यथियों की वैज्ञानिक उपलब्धियों को निजी जानकारी से प्रमाणित करेंगे। उपाध्यक्ष ( अध्येतावृत्ति मामले ) , किसी अध्येता से लिखित अनुरोध प्राप्त होने पर जो भारत में न रहता हो किंतु किसी विषय- विशेष के लिए सिफ़ारिश को प्रमाणित करने लिए सक्षम हो, उस अध्येता की ओर से प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर कर सकेगा। प्रस्तावक सुनिश्चित करेगा कि प्रपत्र में अपेक्षित समीक्षात्मक जानकारी पूर्ण है। नामांकन पत्र में नामिती का नाम, जन्मतिथि, विशेषज्ञता का क्षेत्र, पदनाम, पता ( कार्यालय तथा आवास दोनों ) , शैक्षिक एवं व्यावसायिक उपलब्धियाँ अकादमी द्वारा निर्धारित प्रपत्र में दी जाएँगी। उसमें नामिती की अत्यंत सार्थक अनुसंधान उपलब्धियों का संक्षिप्त विवरण और नामिती के अत्यंत महत्त्वपूर्ण अनुसंधान योगदान को उजागर करने वाला विस्तृत समीक्षात्मक विश्लेषण शामिल होगा। नामांकन पत्र के साथ नामिती के प्रकाशनों की एक अद्यतन सूची और अत्यंत महत्त्वपूर्ण प्रकाशनों के पुनर्मुद्रणों ( या फ़ोटोप्रतियों ) का एक सेट भेजा जाए। नामिती कोई जानकारी सीधे अकादमी को न भेजे। प्रस्तावक प्रकाशनों की पूरी सूची के अतिरिक्त नामांकन प्रपत्र के साथ नामिती के दस अत्यंत महत्त्वपूर्ण प्रकाशनों की एक अलग सूची और उनके पुनर्मुद्रण भी अवश्य भेजे। जो नामांकन हर दृष्टि से पूर्ण न हों और जिनके साथ प्रकाशनों की उपर्युक्त दो सूचियाँ और पुनर्मुद्रणों का सेट न हो, वे विचारार्थ वैध नहीं होंगे। प्रस्तावक नामांकन पत्र ऐसे अन्य अध्येताओं को उनके समर्थन के लिए भेजेगा जो, उसकी राय में, नामिती का अनुमोदन और समर्थन करेंगे। नामांकन पत्र एक अध्येता द्वारा सीधे दूसरे अध्येता को भेजा जाए। जब अपेक्षित संख्या में समर्थक अपने हस्ताक्षर कर दें और नामिती की उपयुक्तता के बारे में अपनी टिप्पणी भी लिख दें, तब नामांकन पत्र रजिस्ट्री डाक द्वारा भेज दिया जाए या अकादमी के किसी अध्येता द्वारा स्वयं कार्यालय के समय के दौरान कार्यकारी सचिव, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, बहादुरशाह ज़फर मार्ग, नई दिल्ली – 110002 को सौंप दिया जाए कि उसे 15 अक्तूबर * तक मिल जाए। यदि 15 अक्तूबर रविवार हो या छुट्टी हो तो अकादमी में नामांकन प्राप्त करने के लिए अंतिम वैध तिथि अगला कार्य दिवस होगी। कार्यकारी सचिव, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के कार्यालय में पुनर्मुद्रणों तथा अन्य प्रलेखों के साथ नामांकन पत्र प्राप्त होने पर उसका विवरण, प्राप्ति की तिथि के साथ, इस उद्देश्य के लिए रखी गई एक पुस्तिका में दर्ज किया जाएगा जिसे परिषद् की अगली बैठक में पढ़ा जाएगा।
3. नामांकनों के लिए पत्राचार : नामांकन के बारे में सारा पत्राचार प्रस्तावक या अनुमोदक के साथ किया जाएगा। तथापि, वैज्ञानिक उपलब्धियों और प्रकाशनों के बारे में जानकारी को अद्यतन करने के उद्देश्य से अकादमी सीधा नामिती के साथ पत्राचार कर सकती है। * संशोधन का अनुमोदन इन्सा परिषद् की बैठक में 9.5.98 को किया गया ।
4. नामितियों की सूची : वर्षगाँठ साधारण बैठक के अवसर पर, परिषद् की बैठक में, 15 अक्तूबर को या उससे पहले और नामितियों के नामों की पिछली घोषणा के बाद प्रस्तावित सभी व्यक्तियों की और उन व्यक्तियों के नामों की भी जिनके नामांकन पत्र विनियम 6 के प्रावधानों के अनुसार वैध हैं, उनके नामांकन की तिथियों पर ध्यान दिए बिना एक सूची अनुभागीय समितियों के विषयों के अनुसार तैयार की जाएगी। परिषद् अपनी बैठक में विचार करेगी और पात्र नामितियों की सूची संबंधित अनुभागीय समितियों को भेजेगी ताकि वे उन्हें भेजी गई नामितियों की सूची पर अपनी राय व्यक्त कर सकें। तथापि, किसी ऐसे व्यक्ति के नामामंकन पत्रों पर उसके किसी ऐसे विषय में काम के आधार पर चुनाव के लिए, जो किसी भी वर्तमान अनुभागीय समिति के क्षेत्र में न आता हो, किसी अनुभागीय समिति को उसकी सिफ़ारिशों के लिए भेजे बिना भी परिषद् द्वारा अध्येतावृत्ति के लिए व्यक्तियों का चुनाव करते समय विचार कर लिया जाएगा।
5. नामांकनों की पुस्तिका : पहली मार्च तक वर्णक्रम में व्यवस्थित नामितियों की एक सूची पुस्तिका के रुप में छापी जाएगी जिसमें उनकी अत्यंत महत्त्वपूर्ण अनुसंधान उपलब्धियों का संक्षिप्त विवरण, उन्हें प्रस्तावित, अनुमोदित तथा समर्थित करने वाले अध्येताओं के नाम, वह वर्ष जिसमें नामांकन पर पहली बार विचार किया गया था और हर नामिती के जन्म का वर्ष होगा और उसके ऊपर लिखा होगा : गापेनीय – केवल अकादमी के अध्येताओं के प्रयोग के लिए। उसके तत्काल बाद नामांकनों की इस पुस्तिका की एक प्रति हर अध्येता को भेज दी जाएगी। अंततः हर अध्येता या तो पुस्तिका को नष्ट कर देगा या 30 सितंबर तक अकादमी को लौटा देगा। नामांकनों की यह पुस्तिका जिस लिफ़ाफ़े में अध्येताओं को भेजी जाएगी उस पर ‘ गोपनीय ’ अंकित किया जाएगा। नामांकनों की पुस्तिका में शामिल अर्भ्यथियों की उपयुक्तता या अनुपयुक्तता के बारे में अध्येता अपनी राय/टिप्पणी दे सकते हैं, जैसा वे चाहें, और अपनी टिप्पणी संबंधित अनुभागीय समिति के संयोजक को भेज सकते हैं। संयोजक पहली मार्च तक उन सभी अध्येताओं को लिखेंगे जिनकी विशेषज्ञताएँ उनकी समिति से संबंधित हों और उनसे अनुरोध करेंगे कि अध्येतावृत्ति के चुनाव के लिए विचाराधीन अर्भ्यथियों की वैज्ञानिक उपलब्धियों के बारे में अतिरिक्त जानकारी भेज दें। अध्येताओं से प्राप्त राय/टिप्पणी अनुभागीय समिति के सामने रख दी जाएगी।
6. नामांकन की वैधता : नामांकन पाँच वर्ष की अवधि तक वैध रहेगा, जब तक कि नामांकन का प्रस्तावक या अनुमोदक किसी चुनाव से तत्काल पहले की 15 अक्तूबर से पूर्व उसे वापस न ले ले।
7. अनुभागीय समितियों द्वारा चुनाव : कार्यकारी सचिव अपने-अपने अनुभागों से निर्वाचन के लिए प्रस्तावित व्यक्तियों की सूची, हर नामिती के अनुसंधान कार्य के विवरण के साथ ( जो नामांकन पत्र में दिया हो ) , पहली मार्च तक अनुभागीय समितियों के सदस्यों को परिचालित करेगा और उनसे अनुरोध करेगा कि वे अपनी सिफ़ारिशें, उसके लिए कारणों सहित, अपनी-अपनी अनुभागीय समितियों के संयोजकों को अनुभागीय समितियों की बैठक से कम-से-कम दो सप्ताह पूर्व भेज दें। सदस्यों से अनुरोध किया जाएगा कि हर संस्तुत व्यक्ति के वैज्ञानिक योगदान का एक सार, लगभग 50 शब्दों में वर्णक्रम में दें। कार्यकारी सचिव इन सिफ़ारिशों पर विचार करने के लिए मार्च/अप्रैल में, परिषद् द्वारा बैठकों के कैलेंडर में निर्धारित तिथियों को अनुभागीय समितियों की बैठकें बुलाएगा। अनुभागीय समिति की रिपोर्ट में, अग्रता के क्रम में चुनाव के लिए संस्तुत नामितियों की सूची दी जाएगी ; समिति भी संबंधित नामिती के वैज्ञानिक योगदान के महत्त्व को उजागर करके प्रत्येक संस्तुत नामिती के लिए अपनी सिफ़ारिश के कारणों का स्पष्ट रुप से उल्लेख करेगी, । अनुभागीय समितियों की रिपोट संयोजकों द्वारा उपाध्यक्ष ( अध्येतावृत्ति मामले ) को अग्रेषित की जाएँगी। उपाध्यक्ष ( अध्येतावृत्ति मामले ) हर अनुभागीय समिति की रिपोर्ट उस समिति के अनुपस्थित सदस्यों को उनकी टिप्पणी के लिए भेजेगा जो एक विर्निदिष्ट तिथि तक आ जानी चाहिए। यदि इन सदस्यों की टिप्पणी निर्धारित तिथि तक प्राप्त न हो तो मान लिया जाएगा कि वे समिति की सिफ़ारिशों से सहमत हैं।
8. अनुभागीय समितियों की सिफ़ारिशें परिषद् के सदस्यों को परिचालित करना : अनुभागीय समितियों की सिफ़ारिशें परिषद् के सभी सदस्यों को परिषद् की बैठक की तिथि से, जो आम तौर पर अगस्त में होती है, कम-से-कम एक महीना पहले परिचालित कर दी जाएँगी और संस्तुत सूची पर सदस्यों से टिप्पणियाँ आमंत्रित की जाएँगी जो परिषद् की बैठक की तिथि से कम- से-कम पंद्रह दिन पूर्व कार्यकारी सचिव के पास पहुँच जाएँ। अनुभागीय समितियों की सिफ़ारिशें परिषद् के सदस्यों को भेजते समय निम्नलिखित जानकारी भी परिचालित की जाएगी ः (i) नामितियों के नाम जिन पर विभिन्न अनुभागीय समितियों ने विचार किया है। (ii) अनुभागीय समितियों के सदस्यों के नाम। (iii) अनुभागीय समितियों की सिफ़ारिशों पर अनुपस्थित सदस्यों की टिप्पणियों की प्रतियाँ ।
9. परिषद् द्वारा चयन : परिषद् की बैठक में, जो आम तौर पर अगस्त में होती है, परिषद् एक पूरा दिन केवल उन सिफ़ारिशों पर विचार करने को समर्पित करेगी और फिर मतदान द्वारा अधिकतम तीस व्यक्तियों को चुनेगी जिनकी सिफ़ारिश निर्वाचन के लिए अकादमी के अध्येताओं को की जाएगी। बराबर मत होने की स्थिति में अध्यक्ष का एक दूसरा और निर्णायक मत होगा।
10. अनुभागों से चुनाव : परिषद् के लिए यह बाध्यता नहीं होगी कि अध्येतावृत्ति के निर्वाचन के लिए प्रत्येक अनुभाग से व्यक्तियों की किसी नियत संख्या की सिफ़ारिश करे। परिषद् को स्वतंत्रता होगी कि किसी अनुभाग से अधिक संख्या में व्यक्तियों की सिफ़ारिश कर दे यदि उस अनुभाग में सुपात्र व्यक्ति अधिक हों और किसी अनुभाग से कोई सिफ़ारिश न करे , यदि समिति की राय में कोई भी निर्वाचन के योग्य न हो।
11. चुने गए नामों की सूचना अध्येताओं को देना : परिषद् द्वारा चयन के शीघ्र बाद, प्रत्येक अध्येता को मतपत्र के रुप में एक परिपत्र भेजा जाएगा जिसके साथ चुने गए व्यक्तियों की एक सूची होगी और ऐसे परिवर्तनों के लिए स्थान होगा जो कोई अध्येता विनियम 13 के अनुसार करना चाहे।
12. निर्वाचन की तिथि : उन अध्येताओं का चुनाव, जो विनियम 7 में उल्लिखित वर्ग में नहीं आते, परिषद् की सांविधिक बैठक में अक्तूबर में होगा।
13. निर्वाचन प्रक्रिया : प्रत्येक अध्येता विनियम 11 में उल्लिखित मतपत्र कार्यकारी सचिव को भेजेगा, (i) उनके नामों के लिए क्रॉस का चिह्न लगाकर जिन्हें वह चाहता है कि चुने जाएँ, (ii) ऐसे किसी भी व्यक्ति ( यों ) के नाम काटकर जिन्हें वह मत नहीं देना चाहता, और (iii) ऐसे किसी भी व्यक्ति ( यों ) के नाम काटकर जिन्हें वह मत नहीं देना चाहता और उनके स्थान पर विनियमों के अनुसार भेजी गई सूची में शामिल किसी अन्य व्यक्ति ( यों ) के नाम लिखकर, यदि वह ऐसा चाहे। ऐसा कोई मतपत्र वैध नहीं होगा, (i) जिसमें परिषद् द्वारा स्वीकृत नामों की संख्या से अधिक नाम हों, (ii) जो हस्ताक्षरित हो, या (iii) जो सीलबंद लिफ़ाफ़े में न हो और अध्येता द्वारा हस्ताक्षरित आवरण पत्र के साथ एक बाहरी लिफाफे में कार्यकारी सचिव को न भेजा गया हो कि 30 सितंबर तक कार्यकारी सचिव, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, बहादुरशाह ज़फ़र मार्ग, नई दिल्ली 110002 को मिल जाए।
14. संवीक्षकों की नियुक्ति : अक्तूबर में होने वाली परिषद् की बैठक में अध्यक्ष द्वारा सदस्यों के अनुमोदन से मतों की गणना के लिए दो संवीक्षक नियुक्त किए जाएँगे।
15. निर्वाचन के परिणामों की घोषणा : संवीक्षक, मतपत्रों की जाँच करने के बाद प्रत्येक नामिती द्वारा प्राप्त मतों की संख्या अध्यक्ष को बताएँगे। अध्यक्ष निर्वाचित अर्भ्यथियों के नामों की घोषणा विधिवत् कर देगा। बराबर मत होने की स्थिति मे अध्यक्ष का एक निर्णायक मत होगा। निर्वाचन के परिणाम की सूचना सभी अध्येताओं को डाक द्वारा भेज दी जाएगी। परंतु, यह चुनाव अगले वर्ष की 1 जनवरी से प्रभावी होगा।
16. पुनर्नामांकन : नामांकन की वैधता की समाप्ति पर, फिर से पुनर्नामांकन दो वर्ष के अंतराल के बाद ही किया जा सकता है। नया नामांकन विनियम 2 में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार किया जाएगा।
17. विशेष निर्वाचन के लिए नामांकन : नियम 6 (R) के अनुसार, परिषद् इन विनियमों के पैरा 1 से 16 के अंतर्गत प्रावधानों के अलावा अध्येता ( ओं ) के रुप में निर्वाचन के लिए नामों की सिफ़ारिश कर सकती है। परिषद् द्वारा इस प्रकार संस्तुत व्यक्तियों का चुनाव मतपत्र द्वारा किया जाएगा, बशर्ते कि ऐसे किसी व्यक्ति की सिफ़ारिश नहीं की जाएगी जो परिषद् के उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों के मतों का दो-तिहाई प्राप्त न करे और उसके पक्ष में डाले गए मतों की कुल संख्या सात से कम हो।
18. विशेष निर्वाचन : परिषद् की जिस बैठक में विनियम 17 के अंतर्गत निर्वाचित किए जाने वाले व्यक्तियों का चयन किया गया है, उसके तत्काल बाद होने वाली अकादमी की सामान्य साधारण बैठक में नामांकित व्यक्तियों को उपाध्यक्ष ( अध्येतावृत्ति मामले ) द्वारा तैयार किए गए एक प्रमाणपत्र के द्वारा निर्वाचन के लिए प्रस्तावित किया जाएगा। इस प्रमाणपत्र में विशेष निर्वाचन के लिए नामांकन के आधार को स्पष्ट रुप से विर्निदिष्ट किया जाएगा। यह प्रमाणपत्र उस दिन तक अकादमी के पास रहेगा जिस दिन उस पर मतदान कराया जाए। इस प्रकार प्रस्तावित व्यक्ति का नाम डाक द्वारा हर अध्येता को भेजा जाएगा ताकि वह मतपत्र पर र्निदिष्ट तिथि तक अपना मत दे सके। मतदान का परिणाम, विनियम 13 से 15 की प्रक्रिया अपना कर, मतदान समाप्त होने के बाद परिषद् की अगली बैठक में पता चलेगा।
19. अभिदान : निर्वाचन पर रु. 50/- का प्रवेश शुल्क और रु. 500/- का एकबारगी अध्येतावृत्ति अभिदान देय होगा ( जनवरी 1994 से प्रभावी ) ।

विदेशी अध्येता गण

1. प्रति वर्ष सितंबर के पहले सप्ताह में एक पत्र जारी करके अकादमी के अध्येताओं का ध्यान अंतिम तिथि की ओर दिलाया जाएगा जिससे कि विदेशी अध्येतावृत्ति के लिए नामांकन भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, नई दिल्ली के कार्यालय में पहुँच जाने चाहिएँ। प्रत्येक नामिती अकादमी द्वारा निर्धारित प्रपत्र में अकादमी के किसी अध्येता द्वारा प्रस्तावित किया जाएगा। नामांकन पत्र में नामिती का नाम, जन्मतिथि, विशेषज्ञता का क्षेत्र, व्यवसाय, पद तथा वर्तमान पता दिया जाएगा और उसमें नामिती की अत्यंत सार्थक उपलब्धियों का संक्षिप्त विवरण, उसके अपने देश में अकादमियों की उसकी सदस्यता के बारे में जानकारी, और भारत में वैज्ञानिक क्रियाकलापों में उसकी रुचि शामिल होगी। प्रस्तावक यह भी बताएगा कि नामिती का चुनाव अकादमी के लिए अपने लक्ष्यों तथा उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में किस प्रकार सहायक होगा ।

प्रत्येक दृष्टि से पूर्ण नामांकन पत्र डाक द्वारा भेज दिया जाए या अकादमी के किसी अध्येता द्वारा स्वयं कार्यालय के समय के दौरान कार्यकारी सचिव, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, बहादुरशाह ज़फर मार्ग, नई दिल्ली – 110002 को सौंप दिया जाए कि उसे 15 अक्तूबर * तक मिल जाए। यदि 15 अक्तूबर रविवार हो या छुट्टी का दिन हो तो अकादमी में नामांकन प्राप्त करने के लिए अंतिम वैध तिथि अगला कार्य दिवस होगी। कार्यकारी सचिव, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के कार्यालय में सभी प्रलेखों के साथ नामांकन पत्र प्राप्त होने पर उसका विवरण, प्राप्ति की तिथि के साथ, इस उद्देश्य के लिए रखी गई एक पुस्तिका में दर्ज किया जाएगा जिसे परिषद् की अगली बैठक में पढ़ा जाएगा। नामांकन केवल तीन वर्ष तक वैध होगा ।
2. इस प्रकार नामित व्यक्तियों की एक सूची परिषद् के प्रत्येक सदस्य को उस बैठक के नोटिस के साथ भेजी जाएगी जिसमें उस पर विचार किया जाएगा। उस बैठक में नामितियों पर विचार किया जाएगा और अधिकतम 10 नामों का चयन किया जाएगा। ये नाम परिषद् के अनुपस्थित सदस्यों को उनकी राय के लिए भेज दिए जाएँगे।
3. परिषद् की अगली बैठक में, नामों का अंतिम चयन करते समय, अनुपस्थित सदस्यों से डाक द्वारा प्राप्त विचारों को ध्यान में रखा जाएगा। नियम 13 के अंतर्गत अनुमत संख्या तक अध्येतावृत्ति के लिए इस प्रकार नामित किए जाने वाले अर्भ्यथियों का चयन मतपत्र द्वारा किया जाएगा, किंतु ऐसा कोई भी अभ्यर्थी निर्वाचन के लिए पात्र नहीं होगा जिसे उसके नामांकन के पक्ष में परिषद् के उपस्थित सदस्यों के दो-तिहाई मत न मिलें।
परिषद् इस बात का ध्यान रखेगी कि सिफ़ारिशें, यथासंभव, विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में समान रुप से वितरित हों।

4. इस प्रकार चुने गए अर्भ्यथियों की सूची एक मतपत्र पर सभी अध्योताओं को परिचालित कर दी जाएगी जिसे निर्धारित तिथि तक लौटाना होगा। अध्येता उन व्यक्तियों के नामों के लिए क्रॉस का चिह्न लगाकर मत देगा जिन्हें वह चाहता है कि निर्वाचित हो जाएँ।
5. मतपत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए जाएँगे बल्कि एक सीलबंद लिफ़ाफ़े में रखा जाएगा जिसे अध्येता द्वारा हस्ताक्षरित एक आवरण पत्र के साथ एक बाहरी लिफ़ाफ़े में उपाध्यक्ष ( अध्येतावृत्ति मामले ) को भेजा जाएगा कि यह निर्धारित तिथि तक अकादमी के कार्यालय में पहुँच जाए। आवरण पत्र न होने पर मतपत्र अवैध हो जाएगा।
6. निर्धारित तिथि के बाद होने वाली परिषद् की पहली बैठक में अध्यक्ष दो संवीक्षक नियुक्त करेगा। वे मतपत्र खोलने के बाद प्रत्येक अभ्यर्थी द्वारा प्राप्त मतों की सूचना अध्यक्ष को देंगे। फिर अध्यक्ष उन अर्भ्यथियों के नाम घोषित करेगा जिन्होंने मत देने वाले अर्भ्यथियों के दो-तिहाई के मत प्राप्त किए हैं और उन्हें विधिवत् निर्वाचित घोषित कर देगा और, साथ ही, निर्वाचन का परिणाम सभी अध्येताओं को डाक द्वारा सूचित कर दिया जाएगा।

अनुभागीय समितियाँ

1. परिषद्, अकादमी के अध्येताओं में से, प्राकृतिक ज्ञान की विभिन्न शाखाओं का प्रतिनिधित्व करने वाली समितियाँ नियुक्त करेगी, जिन्हें ‘ अनुभागीय समितियाँ ’ कहते हैं। प्रत्येक समिति के सदस्य इस दृष्टि से चुने जाएँगे कि, यथासंभव, प्राकृतिक ज्ञान की हर शाखा के विभिन्न उप-विभाजनों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो जाए और उन अध्येताओं का सहयोग मिल सके जो प्राकृतिक ज्ञान के विशिष्ट भागों के बारे में परिषद् को सलाह देने के लिए विशेष रुप से अर्हताप्राप्त हैं।

2. प्रत्येक अनुभागीय समिति परिषद् को या उसके किसी अधिकारी को उन मामलों पर सलाह देगी जो परिषद् द्वारा या किसी अधिकारी द्वारा उसे भेजे जाएँ, और परिषद् को ज्ञान की उस या उन शाखाओं के बारे में भी सुझाव देगी जिनका प्रतिनिधित्व वह करती है। वह अन्य बातों के साथ-साथ, ( क ) प्राथमिकता के क्रम में उन नामितियों के नामों की सिफ़ारिश करेगी जो, अनुभागीय समिति की राय में, अध्येतावृत्ति के लिए निर्वाचन के योग्य हैंष्, ( ख ) प्राथमिकता के क्रम में उनके नामों की सिफ़ारिश करेगी जो, अनुभागीय समिति की राय में, अकादमी के युवा वैज्ञानिक पुरस्कार के योग्य हैं, ( ग ) उच्च नीति के वैज्ञानिक मामलों पर सरकार से प्राप्त पत्रों के संबंध मे सलाह देगी, ( घ ) वार्षिक साधारण बैठक में चर्चा किए जाने वाले विषयों पर सलाह देगी ताकि अकादमी राष्ट्रीय विकास एवं नियोजन में अपनी भूमिका निभा सके, (R) उन व्यक्तियों की सूचियाँ बनाएगी जो प्रकाशन के लिए प्रस्तुत लेखों की संवीक्षा के लिए उपयुक्त हों और उन शाखाओं का उल्लेख करते हुए बनाएगी जिनके लिए वे सक्षम हों, ( च ) अकादमी के पुस्तकालय में मँगाई जाने वाली पुस्तकों तथा पत्रिकाओं की सिफ़ारिश करेगी, (U) आधारभूत और अनुप्रयुक्त दोनों प्रकार की मूल अनुसंधान समस्याओं पर सुझाव देगी, जिन पर राष्ट्रीय हित में काम शुरु किया जाना चाहिए।
3. परिषद प्रतिवर्ष समिति के एक सदस्य को समिति के सचिव एवं संयोजक के रुप में काम करने के लिए और समिति तथा परिषद् अथवा अधिकारियों के बीच संचार का माध्यम बनने के लिए नियुक्त करेगी। कोई स्थायी सभापति नहीं होगा, बल्कि हर बैठक के लिए एक सभापति चुना जाएगा। सचिव सभापति चुने जाने के लिए पात्र होगा।

4. अनुभागीय समितियाँ : अनुभागीय समितियाँ दस होंगी और उन्हें उनकी संख्या द्वारा जाना जाएगा न कि नाम द्वारा। प्रत्येक समिति के लिए निर्धारित विषय नीचे लिखे अनुसार होंगे जो केवल निर्देशात्मक हैं, सर्वांगीण नहीं
अनुभागीय समिति I
गणितीय विज्ञान : अनुप्रयुक्त गणित, शुद्ध गणित और सांख्यिकी।

अनुभागीय समिति II
भौतिकी : खगोल-विज्ञान एवं खगोल भौतिकी, द्रव्य भौतिकी, अंतरिक्ष भौतिकी, अवपरमाण्विक, परमाण्विक एवं आण्विक भौतिकी और सैद्धांतिक भौतिकी।

अनुभागीय समिति III
रासायिनक विज्ञान : विश्लेषिक, अकाबर्निक, काबर्निक, भौतिक और सैद्धांतिक रसायनविज्ञान।अनुभागीय समिति

अनुभागीय समिति IV
इंजीनियरी और प्रौद्योगिकी : अनुप्रयुक्त भौतिकी, रासायनिक प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिकी एवं दूरसंचार, इंजीनियरी और इंजीनियरी विज्ञान।

अनुभागीय समिति V
भू-विज्ञान : वायुमंडलीय विज्ञान, भूगोल, भौमिकी और समुद्रविज्ञान।

अनुभागीय समिति VI
पादप विज्ञान : संरचनात्मक, परिवर्धनात्मक, प्रकार्यात्मक, आनुवंशिक, पारिस्थितिक, वर्गिकीय और विकासीय पहलू।

अनुभागीय समिति VII
प्राणि विज्ञान : संरचनात्मक, परिवर्धनात्मक, प्रकार्यात्मक, आनुवंशिक, पारिस्थितिक, व्यवहारात्मक, वर्गिकीय और विकासीय पहलू।

अनुभागीय समिति VIII
चिकित्सा विज्ञान : आधारभूत एवं नैदानिक चिकित्सा विज्ञान, मानवविज्ञान, मनोविज्ञान।
अनुभागीय समिति IX
जैवरसायनिकी और जैवभौतिकी : जैवरसायनिकी, जैवभौतिकी, अणुजैविकी, सूक्ष्मजैविकी और प्रतिरक्षाविज्ञान।
अनुभागीय समिति X
कृषि विज्ञान : कृषि, पशुचिकित्सा विज्ञान, मात्स्यिकी और वानिकी।
अनुभागीय समिति M1
बहुविषयक समिति : गणितीय, भौतिक और रासायनिक विज्ञान।
अनुभागीय समिति M 2
बहुविषयक समिति : इंजीनियरी और अनुप्रयुक्त विज्ञान।
अनुभागीय समिति M 3
बहुविषयक समिति : जीव विज्ञान

5. प्रत्येक अनुभागीय समिति में नौ सदस्य होंगे ; गणपूर्ति चार सदस्यों से होगी।

6. प्रतिवर्ष एक-तिहाई की दर से सदस्यों की निवृत्ति वरिष्ठता से होगा। आवश्यक होने पर निवृत्ति का निर्णय मत पत्र द्वारा किया जाएगा। यदि अनुभागीय समिति का कोई सदस्य किसी वर्ष-विशेष के दौरान अनुभागीय समिति की बैठकों में हिस्सा लेने में असमर्थ हो, तो अध्यक्ष को अधिकार होगा कि उस वर्ष के लिए उसके स्थान पर कोई उपयुक्त एवज़ी नियुक्त कर दे। यदि अनुभागीय समिति का कोई सदस्य, बिना वैध कारणों के, लगातार दो बैठकों में भाग न ले, तो परिषद् शेष अवधि के लिए उसके स्थान पर कोई नया सदस्य नियुक्त कर देगी।

7. समिति के निवर्तमान सदस्य प्रतिवर्ष 31 दिसंबर को पद छोड़ देंगे, और अगले वर्ष सदस्य चुने जाने के लिए पात्र नहीं होंगे। परंतु यह प्रतिबंध समिति द्वारा किसी अंतरिम रिक्ति में नियुक्त किए गए अध्येता ( ओं ) पर लागू नहीं होगा।

8. किसी भी समय कोई अंतरिम रिक्ति होने पर, परिषद् किसी अध्येता को वह रिक्ति भरने के लिए नियुक्त करेगी और इस प्रकार मनोनीत अध्येता की निवृत्ति उन्हीं नियमों के अनुसार होगी जो उस सदस्य पर लागू होते जिसका स्थान उसने लिया है, परंतु यदि निवृत्ति की तिथि को उस अध्येता ने एक वर्ष से अधिक समय तक काम न किया हो तो वह तत्काल पुनर्नियुक्ति के लिए पात्र होगा।

9. समिति के नए सदस्यों के रुप में काम करने के लिए अध्येताओं की नियुक्ति परिषद् द्वारा अगस्त में की जाएगी और इस प्रकार नियुक्त सदस्य अगले साल पहली जनवरी से पद संभालेगा।

लोकल चैप्टर

1. प्रदेशों के लिए लोकल चैप्टर उन स्थानों पर स्थापित किए जाते हैं जहाँ अकादमी के पाँच या अधिक अध्येता रहते हों। अपवादात्मक मामलों में, यदि संख्या कम हो लेकिन लोकल अध्येता स्थानीय चैप्टर चाहते हों, तो अध्यक्ष द्वारा निर्णय के लिए उनके अनुरोध पर विचार किया जा सकता है।
2. अकादमी के सभी अध्येता किसी एक स्थानीय चैप्टर के साथ संबद्ध होंगे।

3. लोकल चैप्टरों को चाहिए कि देश में वैज्ञानिक नीति को प्रभावित करने वाले विभिन्न मामलों पर अपनी राय दें। उसमें सुझाव शामिल होने चाहिएँ यथा विज्ञान का सामाजिक प्रभाव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में नियोजन और स्थानीय अकादमियों तथा विद्वत निकायों के साथ संपर्क ताकि इन निकायों और भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के बीच उपयोगी सहभागिता बनाई जा सके। चैप्टरों को स्थानीय महत्त्व की विशेष समस्या पर टिप्पणी करनी चाहिए जिसका वैज्ञानिक विश्लेषण किया जा सके। इस उद्देश्य के लिए चैप्टर के भीतर उपयुक्त विशेषज्ञों वाली विशेष समितियाँ बनाई जाएँ।
कुछ अध्येताओं से, विशेषतः विज्ञान प्रबंधन में कई वर्ष का अनुभव रखने वाले अध्येताओं से अनुरोध किया जा सकता है कि वे ऐसे मुद्दों पर रिपोट संकलित करने का दायित्व संभाल लें। रिपोट अकादमी को भेजी जाएँगी ताकि अकादमी विभिन्न रिपोर्टों का एक समेकित रुप परिषद् द्वारा विचार के लिए तैयार कर सके। फिर परिषद् अपने विचारों को प्रचारित करेगी और इसके द्वारा यह समाज का एक महत्त्वपूर्ण अंग बन जाएगी।
4. लोकल चैप्टरों को चाहिए कि युवा विज्ञानियों को वैज्ञानिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
5. सभी लोकल चैप्टरों को वैज्ञानिक गतिविधियों को सुदृढ़ बनाने के प्रयास करने चाहिएँ। वे एक वर्ष में कम-से-कम दो वैज्ञानिक कार्यक्रम आयोजित करें जो मुख्यतः विज्ञान को बढ़ावा देने और विज्ञान को लोकप्रिय बनाने से संबंधित हों। किसी स्थानीय चैप्टर से संबद्ध सभी अध्येताओं को चैप्टर की बैठकों में भाग लेने का प्रयास करना चाहिए जो मुख्यालय में या किसी अन्य स्थान पर आयोजित की जाएँ जिनमें, अन्य बातों के अलावा, अकादमी के विभिन्न स्थायीनिधि व्याख्यानों भाषणों के लिए नामांकन भी किए जा सकते हैं।
6. (क) लोकल चैप्टरों की बैठकों में भाग लेने के लिए बाहर के सभी अध्येताओं को रेल की प्रथम/द्वितीय वातानुकूलित श्रेणी का वापसी किराया देय होगा।
(ख) स्थानीय अध्येताओं के लिए परिवहन पर किए गए ख़र्च की, टेक्सी भाड़े सहित, प्रतिपूर्ति कर दी जाएगी।
7. लोकल चैप्टर की प्रत्येक बैठक में एक सभापति चुना जाना चाहिए।
8. प्रत्येक लोकल चैप्टर एक अध्येता का नाम सुझाए जिसे परिषद् द्वारा उस लोकल चैप्टर का संयोजक नियुक्त किया जा सके। संयोजक का कार्यकाल तीन वर्ष होगा।
स्थानीय चैप्टरों के संयोजकों से अनुरोध किया जाए कि यथासंभव एक विस्तृत कार्यक्रम तैयार करने के लिए पहली बैठक अप्रैल में बुलाई जाए जिसमें विभिन्न प्रस्तावित गतिविधियों की तिथियों का ब्यौरा हो और उसे अध्येताओं को परिचालित कर दिया जाए तथा ‘ इन्सा समाचार ’ में भी प्रकाशित किया जाए।